Narmada Ji Ki Aarti
ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी।
बहा हरिहर शंकर रेवा शिव
हरि शंकर रूद्री पालन्ती॥ ॐ जय जगदानन्दी…
देवी नारद शारद तुम वरदायक, अभिनव पदचण्डी।
सुरनर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि शारद पदवन्ती॥ ॐ जय जगदानन्दी…
देवी धूमक वाहन राजत वीणा वादयन्ती।
झूमकत झूमकत झूमकत झननन झननन रमती राजन्ती॥ ॐ जय जगदानन्दी…
देवी बाजत ताल मृदंगा सुरमण्डल रमती।
तोड़ीतान तोड़ीतान तोड़ीतान तुऱड़ तुड़ड़ रमती सुरवन्ती॥ ॐ जय जगदानन्दी…
देवी सकल भुवन पर आप विराजत निशदिन आनन्दी।
गावत गंगा शंकर, सेवत रेवा शंकर तुम भव मेटनी॥ ॐ जय जगदानन्दी…
मैयाजी को कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती।
अमरकंठ में विराजत, घाटन घाट कोटी रतन जोती॥ ॐ जय जगदानन्दी…
मैया जी की आरती निशदिन पढ़ि गावें, हो रेखा जुग जुग नर गावें।
भजत शिवानन्द स्वामी जफ् हरि मन वांछित फल पावें।। ॐ जय जगदानन्दी…
- हिंदी दिवस पर कविता(hindi Diwas Par Kavita)हिंदी दिवस पर कविता(hindi Diwas Par Kavita) 14 सितंबर को ‘हिन्दी दिवस’ मनाया जाता है। संवैधानिक रूप से हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है किंतु सरकारों ने उसे उसका प्रथम स्थान न देकर अन्यत्र धकेल दिया यह दुखदाई है। हिंदी को राजभाषा के रूप में देखना और हिंदी दिवस के रूप में उसका सम्मान… Read more: हिंदी दिवस पर कविता(hindi Diwas Par Kavita)
- कैदी और कोकिला/पं.माखनलाल चतुर्वेदी कैदी और कोकिला 1क्या गाती हो?क्यों रह-रह जाती हो? कोकिल बोलो तो ! क्या लाती हो? सन्देशा किसका है? कोकिल बोलो तो ! 2ऊँची काली दीवारों के घेरे में, डाकू, चोरों, बटमारों के डेरे में, जीने को देते नहीं पेट भर खाना, मरने भी देते नहीं, तड़प रह जाना ! जीवन पर अब दिन-रात कड़ा पहरा है, शासन है, या तम का… Read more: कैदी और कोकिला/
- Pushp Ki Abhilashaपुष्प की अभिलाषा पुष्प की अभिलाषा /पं.माखनलाल चतुर्वेदी चाह नहीं, मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ।चाह नहीं, प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ॥चाह नहीं, सम्राटों के शव पर, हे हरि, डाला जाऊँ।चाह नहीं, देवों के सिर पर चढूँ, भाग्य पर इठलाऊँ॥मुझे तोड़ लेना वनमाली!उस पथ में देना तुम फेंक॥मातृ-भूमि पर शीश चढ़ाने।जिस पथ जावें… Read more: Pushp Ki Abhilasha
- Joke in hindijoke in hindi -जोक (Joke) का मतलब है हंसी-मजाक, चुटकुला या विनोदपूर्ण बात। यह एक ऐसी कहानी या वाक्य होता है जिसे सुनकर लोग हंसते हैं। जोक्स का इस्तेमाल मनोरंजन के लिए किया जाता है और हंसी-खुशी का माहौल बनाने में मदद करते हैं।
- भज गोविन्दं (BHAJ GOVINDAM)आदि गुरु श्री शंकराचार्य विरचित Adi Shankara’s Bhaja Govindam Bhaj Govindam In Sanskrit Verse Only भज गोविन्दं भज गोविन्दं भजमूढमते । संप्राप्ते सन्निहिते काले नहि नहि रक्षति डुकृञ्करणे ॥ १ ॥ मूढ जहीहि धनागमतृष्णां कुरु सद्बुद्धिं मनसि वितृष्णाम् । यल्लभसे निजकर्मोपात्तं वित्तं तेन विनोदय चित्तम् ॥ २ ॥ नारीस्तनभर नाभीदेशं दृष्ट्वा मागामोहावेशम् । एतन्मांसावसादि विकारं… Read more: भज गोविन्दं (BHAJ GOVINDAM)