Karpur Gauram Karunavtaaram Lyrics
शिव यजुर मंत्र (कर्पूर गौरं करुणावतारम्) एक शक्तिशाली मंत्र है जिसका उच्चारण आमतौर पर आरती के समय किया जाता है। यह भगवान शिव से संबंधित सबसे लोकप्रिय हिंदू मंत्रों में से एक है।
कर्पूरगौरं करुणावतारं
संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।
सदावसन्तं हृदयारविन्दे
भवं भवानीसहितं नमामि ॥
Karpur Gauram Karunavtaram Lyrics
Karpua Gauram Karuṇavataram
Sansarsaram Bhujagendraharam |
Sadavasantam Hṛdayaravinde
Bhavam Bhavanisahitam Namami ||
इस मंत्र का अर्थ
इस मंत्र से शिवजी की स्तुति की जाती है। इसका अर्थ इस प्रकार है-
कर्पूरगौरं – कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले।
करुणावतारं – करुणा के जो साक्षात् अवतार हैं।
संसारसारं – समस्त सृष्टि के जो सार हैं।
भुजगेंद्रहारम् – इस शब्द का अर्थ है जो सांप को हार के रूप में धारण करते हैं।
सदा वसतं हृदयाविन्दे भवंभावनी सहितं नमामि- इसका अर्थ है कि जो शिव, पार्वती के साथ सदैव मेरे हृदय में निवास करते हैं, उनको मेरा नमन है।
Meaning of Karpur Gauram Karunavtaram Mantra
- karpūragauraṁ – One that is pure and white shining(Gauram) as camphor(Karpur).
- karuṇāvatāraṁ – An incarnation of compassionate avatar/ Personality
- sansārsāram – The one who is the essence of the whole Triloka/ world.
- bhujagendrahāram – Shiva has the serpent king (Nagaraja) as his garland.
- sadāvasantaṁ hṛdayāravinde – Shiva Always resides in the lotus-like heart. He is truly untouched in the heart of his devotees untouched by worldly matters resembling the white lotus blooming in the mud.
- bhavaṁ – To the Lord
- bhavānīsahitaṁ namāmi – Shiva is always with the Goddess Bhavani (A form of Goddess Parvati, Shiva’s consort)
- namāmi – I bow to the Almighty the Hara, the remover of all pains and sorrow, Shiva and Shakti Together.