ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्

मंत्र के प्रत्येक शब्द की व्याख्या

गायत्री मंत्र के पहले नौ शब्द प्रभु के गुणों की व्याख्या करते हैं. ॐ = प्रणव

भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाला

भुवः = दुखों का नाश करने वाला

स्वः = सुख प्रदाण करने वाला

तत = वह, सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल

वरेण्यं = सबसे उत्तम

भर्गो = कर्मों का उद्धार करने वाला

देवस्य = प्रभु

धीमहि = आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान)

धियो = बुद्धि, यो = जो, नः = हमारी,

प्रचोदयात् = हमें शक्ति दें (प्रार्थना)

गायत्री मंत्र के फायदे

हिन्दू धर्म में गायत्री मंत्र को विशेष मान्यता प्राप्त है. कई शोधों द्वारा यह भी प्रमाणित किया गया है कि गायत्री मंत्र के जाप से कई फायदे भी होते हैं जैसे : मानसिक शांति, चेहरे पर चमक, खुशी की प्राप्ति, चेहरे में चमक, इन्द्रियां बेहतर होती हैं, गुस्सा कम आता है और बुद्धि तेज होती है.