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 चाणक्यनीतिदर्पण 4.3

चाणक्य नीति दर्पण मूलत: संस्कृत (Sanskrit) में संस्कृत सुभाषितों के रूप में, काव्यात्मक एवं श्लोकों  के रूप में लिखा हुआ ग्रंथ है। इसके रचनाकार आचार्य चाणक्य हैं। उनके ये संस्कृत श्लोक चाणक्य नीति के नाम से संसार भर में प्रसिद्ध हैं। यहां पर यह श्लोक देवनागरी लिपि एवं  रोमन लिपि में भी दिए गए हैं एवं उनके अर्थ हिंदी देवनागरी एवं अंग्रेजी में रोमन लिपि में भी दिये गये हैं। जिससे विदेशों में रहने वाले भारतीय जो देवनागरी से परिचित नहीं हैं सनातन ग्रंथों के ज्ञान से लाभान्वित हो सकें।

अथ चतुर्थोऽध्यायः ॥ 4 ॥

atha caturthō’dhyāyaḥ ॥ 4 ॥

त्यजेत्धर्मंदयाहीनाविद्याहीनं गुरुंत्यजेत् ॥ 
त्यजेत्क्रोधमुखीं भार्यांनिस्नेहान्बांधवात्यजेत्।। १६।।

अर्थ -  दयारहित धर्म को छोड़ देना चाहिये, विद्या विहीन गुरु का त्याग उचित है, जिसके मुंँह से क्रोध प्रगट होता हो, ऐसी भार्या को अलग करना चाहिये और बिना प्रीति बांँधवों का त्याग विहित है ॥ १६ ॥

tyajēḍarmaṁdayāhīnāvadyāhīnaṁ guruṁtyajēt ॥ 
tyajētkrōdhamukhīṁ bhāryāṁnisnēhānbāṁdhavātyajētū 16

Meaning - Religion without mercy should be abandoned, it is appropriate to sacrifice a Guru without knowledge, whose mouth shows anger, such a wife should be separated and it is prescribed to sacrifice those without loving ties. 
।। 16 ॥
अध्वा जरा मनुष्याणां वाजिनांबन्धनं जरा ।
अमैथुनं जरा स्त्रीणां वस्त्राणाम् आतपो जरा ।।

अर्थ - मनुष्यों के लिए पैदल न चलना, घोड़ों को बाँधकर रखना, स्त्रियों के लिए असम्भोग (मैथुन न करना) और वस्त्रों के लिए धूप जरा (बुढापा) लाने का कारण होता है।

abhyājarāmanuṣyāṇāṁ vājināṁbandhanaṁjarā ॥ 
amathunaṁ jarāstrīṇāṁ vastrāṇāmātapōjarā ॥17॥

Meaning - For humans, not walking on foot, keeping horses tied, for women it causes asambhog (not having sex) and for clothes, sunlight causes aging.
।।17।।

कःकालःकानिमित्राणिकोदेशः कौव्ययागमौ 
कस्याहं का चमेशक्तिरितिचिंत्यंमुहुर्मुहुः॥१८॥

अर्थ - किस काल में क्या करना चाहिये, मित्र कौन है, देश कौन है, लाभ व्यय क्या है, किसका मैं हूंँ, मुझमें क्या शक्ति है इन सबका बार-बार विचार करना योग्य है ॥ १८ ॥

kaḥkālaḥkānimitrāṇikōdēśaḥ kauvyayāgamau 
kasyāhaṁ kā camēśaktiriticiṁtyaṁmuhurmuhuḥ॥18॥

Meaning - What should be done at what time, who is the friend, who is the country, what is the profit and expenditure, whose am I, what power do I have, it is worth thinking about all these again and again.  ।।18 ॥

अग्निर्देवोद्विजातीनां मुनीनांहृदिदैवतम् ॥ 
प्रतिमास्वल्पबुद्दीनां सर्वत्रसमदर्शिनां ॥ १९ ॥

अर्थ - ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, (द्विजों का) उनका देवता आग्नि है। मुनियों के हृदय में देवता रहता है। अल्पबुद्धियों के लिये मूर्ति में और समदर्शियों के लिये सभी स्थानों में देवता है ॥१९॥

agnirdēvōdvijātīnāṁ munīnāṁhr̥didaivatam ॥ 
pratimāsvalpabuddīnāṁ sarvatrasamadarśināṁ ॥ 19 ॥

Meaning - Brahmins, Kshatriyas, Vaishyas, (dwijas) their god is Agni.  God resides in the hearts of sages.  For the less intelligent, there are gods( The habitats of the heaven or swarga called devta) in idols and for the wise, there are gods( The habitats of the heaven or swarga called devta) everywhere. ।।१९।।
इति चतुर्थोऽध्यायः ॥ 4 ॥
iti caturthō’dhyāyaḥ ॥ 4 ॥
ग्रन्थ का नाम : चाणक्यनीतिदर्पण,  रचनाकार – आचार्य चाणक्य,   अध्याय – 4   श्लोक-  16-19

चाणक्य की प्रसिद्धि : 

ये संस्कृत श्लोक आचार्य चाणक्य के द्वारा रचित हैं। उनका नाम कौटिल्य एवं विष्णुगुप्त के नाम से भी प्रसिद्ध है। उनकी रचनाएँ Chanakya सूत्र, chanakya niti, chanakya ni pothi, chanakya quotes, chanakya niti in hindi, chanakya quotes in hindi, चाणक्य, चाणक्य नीति,  चाणक्य नीति की 10 बातें,  चाणक्य नीति की बातें, चाणक्य के कड़वे वचन, चाणक्य नीति स्त्री, चाणक्य नीति की 100 बातें,  चाणक्य विचार इन हिंदी, चाणक्य नीति सुविचार, चाणक्य नीति जीवन जीने की, सुविचार चाणक्य के कड़वे वचन, sanskrit shlok, shlok,sanskrit, sanskrit shlok,sanskrit quotes,shlok in sanskrit, sanskrit thought, sanskrit slokas,संस्कृत श्लोक,श्लोक,छोटे संस्कृत श्लोक, आदि के रूप में चर्चित एवं प्रसिद्ध है । 

चाणक्य का कालातीत प्रभाव  :

हजारों वर्षों के उपरांत भी उनमें वही ताजगी और उपयोगिता है। अतः वे आज भी उतने ही प्रासंगिक बने हुए हैं जितने वे तब थे जब वे लिखे गये थे। संस्कृत में रचित होने के कारण उनमें कालांतर के प्रभाव को स्पष्टतः नहीं देखा जाता है क्योंकि संस्कृत भाषा का सर्वश्रेष्ठ व्याकरण उसके अस्तित्व एवं गुणवत्ता के साथ ही उसके प्रभाव कि भी सुरक्षा करता है। ये अत्यंत ज्ञानवर्धक, पठनीय एवं माननीय हैं। ये जीवन‌ के अनेक चौराहों पर हमारा मार्गदर्शन करते हैं जब सब ओर अंधकार छा जाने की प्रतीति होती है।

About Chanakya (चाणक्य के बारे में) :

 चाणक्य का प्रभाव प्राचीन भारत से परे तक फैला हुआ है, क्योंकि शासन कला और शासन पर उनके विचारों का दुनिया भर के विद्वानों और नीति निर्माताओं द्वारा अध्ययन और सम्मान किया जाता है।  राजनीति के प्रति उनका व्यावहारिक दृष्टिकोण और राज्य और उसके नागरिकों के कल्याण पर उनका जोर उन्हें एक कालातीत व्यक्ति बनाता है जिनकी बुद्धि समय और स्थान की सीमाओं से परे है।


ऐ वतन.. मेरे वतन-Ae Watan Mere Watan Lyrics in Hindi


ऐ वतन.. मेरे वतन

Ae Watan Mere Watan Lyrics in Hindi

About Film

Ae Watan Mere Watan

Ae Watan Mere Watan

गाना / Title: ऐ वतन – Ae watan Mere Watan (Raazi) चित्रपट / Film: राज़ी-(Raazi) संगीतकार / Music Director: शंकर-एहसान-लॉय-(Shankar-Ehsaan-Loy) गीतकार / yricist: गुलजार-(Gulzar) गायक / Singer(s): अरिजित सिंग-(Arijit Singh), सुनिधी चौहान-(Sunidhi Chauhan)


ऐ, मेरे वतन के लोगों




ABOUT THE FILM

ऐ वतन गाने के बारे में
ऐ वतन एल्बम के ऐ वतन गाने के बोलों को साथ-साथ गाएँ। ऐ वतन एल्बम के ऐ वतन गाने को मशहूर गायिका मीनाक्षी पंचाल ने आवाज़ दी है। ऐ वतन एल्बम के ऐ वतन गाने के बोल गुलज़ार ने लिखे हैं। Gaana.com पर ऐ वतन एल्बम के ऐ वतन MP3 गाने को हाई-क्वालिटी में डाउनलोड करें और सुनें।

रिलीज़ -11 अगस्त, 2023
अवधि – 04:51
भाषा-हिंदी


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mere desh ki dharti lyrics

मेरे देश की धरती …

Mere Desh Ki Dharti lyrics in Englsh

गाना / Title: मेरे देश की धरती, सोना उगले उगले हीरे मोती – mere desh kii dharatii, sonaa ugale ugale hiire motii

चित्रपट / Film: उपकार-(Upkaar)

संगीतकार / Music Director: कल्याणजी – आनंदजी-(Kalyanji-Anandji)

गीतकार / Lyricist: गुलशन बावरा-(Gulshan Bawra)
गायक / Singer(s): chorus, महेन्द्र कपूर-(Mahendra Kapoor)
राग / Raag: Bhairavi

o sajni re(ओ, सजनी रे )lyrics


[Chorus: Arijit Singh]
ओ, सजनी रे
कैसे कटें दिन-रात?
कैसे हो तुझ से बात?
तेरी याद सतावे रे

[Chorus: Arijit SIngh]
ओ, सजनी रे
कैसे कटें दिन-रात?
कैसे मिले तेरा साथ?
तेरी याद, तेरी याद सतावे रे

[Instrumental Break]

[Verse 1: Arijit Sing]
कैसे घनेरे बदरा घिरें
तेरी कमी की बारिश लिए?
सैलाब जो मेरे सीने में है
कोई बताए, ये कैसे थमे
तेरे बिना अब कैसे जिएँ?

[Chorus: Arijit Singh]
ओ, सजनी रे
कैसे कटें दिन-रात?
कैसे हो तुझ से बात?
तेरी याद सतावे रे

[Instrumental Break]

[Chorus: Arijit Singh]
ओ, सजनी रे
कैसे कटें दिन-रात?
कैसे हो तुझ से बात?
तेरी याद, तेरी याद सतावे रे

[Outro: Arijit Singh]
ओ, सजनी रे

“सजनी” अरिजीत सिंह और राम संपत का एक गाना है, जिसे आमिर खान प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित फिल्म “लापता लेडीज़” में दिखाया गया है। इस ट्रैक में दिल को छू लेने वाले बोलों को मधुर संगीत के साथ मिलाया गया है, जो प्यार और लालसा के विषयों को दर्शाता है। 2024 में रिलीज़ होने वाले इस गाने में अरिजीत की दिल को छू लेने वाली आवाज़ और संपत की बेहतरीन रचना है, जो फिल्म की भावनात्मक गहराई में योगदान देती है।

O sajni re LYRICS IN ENGLISH

सजनी गाने के बारे में
लापता लेडीज़ एल्बम के सजनी गाने के बोलों को साथ में गाएँ। लापता लेडीज़ एल्बम के सजनी गाने को मशहूर गायक राम संपत, अरिजीत सिंह, प्रशांत पांडे ने आवाज़ दी है। लापता लेडीज़ एल्बम के सजनी गाने के बोल प्रशांत पांडे ने लिखे हैं। Gaana.com पर उच्च गुणवत्ता में लापता लेडीज़ एल्बम के सजनी MP3 गाने को डाउनलोड करें और सुनें।

रिलीज़ किया गया
फ़रवरी 13, 2024
अवधि
02:50
भाषा
हिंदी

On Jio Saavn Listen This in very Good Sound Tracks Quality

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श्री राम रक्षा स्तोत्रम्

Shri Ram Raksha Stotram


विनियोग:

अस्य श्रीरामरक्षास्त्रोतमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषिः ।

श्री सीतारामचंद्रो देवता ।

अनुष्टुप छंदः। सीता शक्तिः ।

श्रीमान हनुमान कीलकम ।

श्री सीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्त्रोतजपे विनियोगः ।

अथ ध्यानम्‌:

ध्यायेदाजानुबाहुं धृतशरधनुषं बद्धपदमासनस्थं,

पीतं वासो वसानं नवकमल दल स्पर्धिनेत्रम् प्रसन्नम ।

वामांकारूढ़ सीता मुखकमलमिलल्लोचनम्नी,

रदाभम् नानालंकारदीप्तं दधतमुरुजटामण्डलम् रामचंद्रम ॥


राम रक्षा स्तोत्रम्:

Ramraksha Stotram PDF download


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तुझे देखा तो ये जाना सनम

[Intro: Kumar Sanu]

तुझे देखा तो ये जाना सनम

प्यार होता है दीवाना सनम

तुझे देखा तो ये जाना सनम

[Pre-Chorus]

आ, आ, आ

आ, आ, आ

[Chorus : Kumar Sanu & Lata Mangeshkar]

तुझे देखा तो ये जाना सनम

प्यार होता है दीवाना सनम

तुझे देखा तो ये जाना सनम

प्यार होता है दीवाना सनम

अब यहाँ से कहा जाए हम

तेरी बाहों में मर जाए हम

तुझे देखा तो ये जाना सनम

प्यार होता है दीवाना सनम

अब यहाँ से कहा जाए हम

तेरी बाहों में मर जाए हम

तुझे देखा तो ये जाना सनम

[Post-Chorus]

आ, आ, आ, आ, आ

ला, ल, ला

ला, ल, ला

ला, ल, ला

ला, ला

[Verse 1: Lata Mangeshkar & Kumar Sanu]

आँखें मेरी, सपने तेरे

दिल मेरा, यादें तेरी

हो मेरा है क्या (ला ला)

सब कुछ तेरा (ला ला)

जाँ तेरी, साँसें तेरी

मेरी आँखों में आँसू तेरे आ गए

मुस्कुराने लगे सारे ग़म

[Chorus : Kumar Sanu & Lata Mangeshkar]

तुझे देखा तो ये जाना सनम

प्यार होता है दीवाना सनम

अब यहाँ से कहा जाए हम

तेरी बाहों में मर जाए हम

तुझे देखा तो ये जाना सनम

[Verse 2: Lata Mangeshkar & Kumar Sanu]

आ, आ, आ

ये दिल कहीं लगता नहीं

क्या कहूँ, मैं क्या करूँ

हाँ, तु सामने (ला ला) बैठी रहे (ला ला)

मैं तुझे देखा करूँ

तूने आवाज़ दी, देख मैं आ गई

प्यार से है बड़ी क्या क़सम

[Chorus : Kumar Sanu & Lata Mangeshkar]

तुझे देखा तो ये जाना सनम

प्यार होता है दीवाना सनम

तुझे देखा तो ये जाना सनम

प्यार होता है दीवाना सनम

अब यहाँ से कहा जाएँ हम

तेरी बाहों में मर जाए हम

[Outro: Lata Mangeshkar]

आ, आ, आ

तेरी बाहों में मर जाए हम

आ, आ, आ

Credit : YRF
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Tu Mera Koi Na Hoke Bhi Kuch Lage

Tu Mera Koi Na Hoke Bhi Kuch Lage Lyrics in Hindi

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Listen on Jio Saavn

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Tu Mera Koi Na Hoke Bhi Kuch Lage Lyrics in English

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Tu Mera Koi Na Hoke Bhi Kuch Laage
Tu Mera Koi Na Hoke Bhi Kuch Laage
Kiya Re Jo Bhi Tune Kaise Kiya Re
Jiya Ko Mere Baandh Aise Liya Re
Samajh Ke Bhi Na Main Samajh Na Saku
Savero Ka Mere Tu Sooraj Laage
Tu Mera Koi Na Hoke Bhi Kuch Laage
Tu Mera Koi Na Hoke Bhi Kuch Laage
Tu Mera Koi Na Hoke Bhi Kuch Laage
Apna Bana Le Piya
Apna Bana Le Piya
Apna Bana Le Mujhe
Apna Bana Le Piya
Apna Bana Le Piya
Apna Bana Le Piya
Dil Ke Nagar Mein
Sheher Tu Basa Le Piya
Chhune Se Tere Haan Tere Haan Tere
Pheeki Ruton Rang Lage
Chhune Se Tere Haan Tere Haan Tere
Pheeki Ruton Rang Lage
Teri Disha Mein Kyun Chalne Se Mere
Pairon Ko Pankh Lage
Hai Na Mere Kaam Ka Jag Saara
Hai Bas Tere Naam Se Hi Guzaara
Ulajh Ke Main Na Sulajh Saku
Jubaaniyan Teri Jhuthi Bhi Sacchi Laage
Tu Mera Koi Na Hoke Bhi Kuch Laage
Tu Mera Koi Na Hoke Bhi Kuch Laage
Tu Mera Koi Na Hoke Bhi Kuch Laage
Apna Bana Le Piya
Apna Bana Le Piya
Apna Bana Le Mujhe
Apna Bana Le Piya
Apna Bana Le Piya
Apna Bana Le Piya
Dil Ke Nagar Mein
Sheher Tu Basa Le Piya
O.. Sab Kuch Mera Chaahe
Naam Apne Likha Le
Badle Mein Apni Yaari Nibha Le
Jag Ki Hirasat Se Mujhko Chhuda Le
Apna Bana Le
Bas Apna Bana Le
Apna Bana Le
Apna Bana Le


 चाणक्यनीतिदर्पण – 17.4

चाणक्य नीति दर्पण मूलत: संस्कृत (Sanskrit) में संस्कृत सुभाषितों के रूप में, काव्यात्मक एवं श्लोकों  के रूप में लिखा हुआ ग्रंथ है। इसके रचनाकार आचार्य चाणक्य हैं। उनके ये संस्कृत श्लोक चाणक्य नीति के नाम से संसार भर में प्रसिद्ध हैं। यहां पर यह श्लोक देवनागरी लिपि एवं  रोमन लिपि में भी दिए गए हैं एवं उनके अर्थ हिंदी देवनागरी एवं अंग्रेजी में रोमन लिपि में भी दिये गये हैं। जिससे विदेशों में रहने वाले भारतीय जो देवनागरी से परिचित नहीं हैं सनातन ग्रंथों के ज्ञान से लाभान्वित हो सकें।

अथ सप्तदशोऽध्याय प्रारंभः ॥ 17 ॥

atha saptadaśō’dhyāya prāraṁbhaḥ ॥ 17 ॥

ग्रन्थ का नाम : चाणक्यनीतिदर्पण,  रचनाकार – आचार्य चाणक्य,   अध्याय – 17   श्लोक-  16-21
परोपकारांयेषाजा गतिहृदयेसताम् ॥ 
नश्यंतिविपद्रस्तेषासंपदः स्युःपदेपदे ॥ १६ ॥

अर्थ - जिन सज्जनों के हृदय में परोपकार जाग्रत है उनकी विपत्ति नष्ट हो जाती है और पद पद में संपत्ति प्राप्त होती है ॥ १६ ॥

parōpakārāṁyēṣājā gatihr̥dayēsatām ॥ 
naśyaṁtivipadrastēṣāsaṁpadaḥ syuḥpadēpadē ॥ 16 ॥
Meaning - Those gentlemen who have charity in their hearts, their troubles are destroyed and they get wealth at every step. ॥ 16 ॥

आहारनिद्राभयमैथुनानि समानिचैतानिनृणा पशूनाम् ॥ 
ज्ञानंनराणामधिकोविशेषोज्ञानेन हीनाः पशुभिःसमानाः ॥ १७ ॥

अर्थ - भोजन, निद्रा, भय मैथुन ये मनुष्य और पशुओं के समान ही हैं मनुष्यों को केवल ज्ञान अधिक विशेष है ज्ञान से रहित नर पशु के समान है ।॥१७॥

āhāranidrābhayamaithunāni samānicaitāninr̥ṇā paśūnām ॥ 
jñānaṁnarāṇāmadhikōviśēṣōjñānēna hīnāḥ paśubhiḥsamānāḥ ॥ 17 ॥

Meaning - Food, sleep, fear, sex, these are the same as humans and animals, only knowledge is more special for humans, a man without knowledge is like an animal.॥17॥

दानार्थिनोमधुकरायदिकर्णतालै दूरीकृताःक-रिवरेणमदान्धबुड्या ॥ 
तस्यैव गण्डयुगमण्डनहानिरेषाश्रृंगाःपुनर्विकचपद्मवनेवसंति ॥१८॥

अर्थ - यदि मदान्ध गजराज ने गजमद के अर्थी भौंरों को मदांधता से कर्ण के तालों से दूर किया तो यह उसी के दोनों गण्डस्थलकी शोभा कि हानि भई, भौंरे फिर विकसित कमल बन में बसते हैं ॥। ८॥ 
तात्पर्य यह है कि, यदि किसी निर्गुण मदांध राजा व धनी के निकट कोई गुणी जा पडे उस समय सदान्धों को गुणी का आदर न करना मानों अपनी लक्ष्मी की शोभा की हानि करनी है काल निरवधि है और पृथ्वी अनंत है गुणीका आदर कहीं न कहीं किसी समय होगा ही।।
 
dānārthinōmadhukarāyadikarṇatālai dūrīkr̥tāḥka-rivarēṇamadāndhabuḍyā ॥ 
tasyaiva gaṇḍayugamaṇḍanahānirēṣāśrr̥ṁgāḥpunarvikacapadmavanēvasaṁti ॥18॥

Meaning - If the inebriated Gajraj removed the gajmad's meaning bumblebees from Karna's locks out of his inebriation, then it would be a loss of beauty of both his Gandsthals, the bumblebees would then settle in the blossoming lotus. ।।8॥
The meaning is that, if a virtuous person comes near a virtuous king or a rich man, at that time the virtuous people should not respect the virtuous person, it would be like harming the beauty of his Goddess Lakshmi. Time is infinite and the earth is infinite. Respect for the virtuous person is somewhere or the other at some time. It will definitely happen.

वेश्यायमश्चाग्निस्तस्करोबालयाचकौ ॥ 
परदुःखंनजानंतिअष्टमोग्रामकंटकः ॥ १९॥ 
अर्थ - राजा, वेश्या, यम, अग्नि, चोर, बालक, याचक और आठवां ग्रामकंटक अर्थात् ग्रामनिवासियों को पीडा देकर अपना निर्वाह करनेवाला ये दूसरों के दुःख को नहीं जानते हैं ॥ 19 ॥

vēśyāyamaścāgnistaskarōbālayācakau ॥ 
paraduḥkhaṁnajānaṁtiaṣṭamōgrāmakaṁṭakaḥ ॥ 19॥ 

Meaning - The king, the prostitute, Yama, Agni, the thief, the child, the beggar and the eighth village Kantak i.e. the one who earns his living by giving pain to the villagers, they do not know the sorrow of others. ।। 19 ॥

अधःपश्यसि किंवाले पतितंतवकिंसुवि ॥ 
रेरेमूर्खनजानासि गतंतारुण्यमौक्तिकम्॥२०॥

अर्थ - हे बाला ! तू नीचे क्यों देखती है पृथ्वी पर तेरा क्या गिर पडा है तब स्त्रीने कहा अरे मूर्ख तू नहीं जानता कि, मेरा तरुणता रूप मोती चला गया॥२०॥

adhaḥpaśyasi kiṁvālē patitaṁtavakiṁsuvi ॥ 
rērēmūrkhanajānāsi gataṁtāruṇyamauktikam॥20॥

Meaning- Hey girl! Why do you look down, what has fallen on the earth? Then the woman said, O fool, don't you know that the pearl of my youth is gone?

व्यालाश्रया पिविफला पिसकंटकापिवक्रा पिपं किलभवापिदुरासदापि ॥ गन्धेनबन्धुरसिकेत- क्किसर्वजंतोःएकोगुणःखटुनिहंतिसमस्तदोषान् ॥ 17.21 ॥

अर्थ - हे केतकी ! यद्यपि तू सांँपों का घर है, विफल है, तुझमें कांटे भी हैं टेढी है कीचड में तेरी उत्याच है और तू दुःख से मिलती-जुलती है तथापि एक गंध गुण से सब प्राणियों की बन्धु हो रही है। निश्चय है कि, एक भी गुण दोषों का नाश कर देता है ॥ २१ ॥

vyālāśrayā piviphalā pisakaṁṭakāpivakrā pipaṁ kilabhavāpidurāsadāpi ॥ gandhēnabandhurasikēta- kkisarvajaṁtōḥēkōguṇaḥkhaṭunihaṁtisamastadōṣān

Meaning - Hey Ketaki! Although you are the house of snakes, you are unsuccessful, you also have thorns, you are crooked, you are in the mud and you resemble sorrow, yet by one smell quality you are binding all the living beings, it is certain that by destroying even a single quality, gives . ।। 17.21 ॥


इतिश्रीवृद्धचाणक्यनीतिदर्पण सप्तदशोऽध्यायः ॥ १७ ॥
itiśrīvr̥ddhacāṇakyanītidarpaṇa saptadaśō’dhyāyaḥ ॥ 17 ॥

इति श्री चाणक्यनीतिदपर्णःभाषाअर्थ -  सहितो समाप्ता ॥
iti śrī cāṇakyanītidaparṇaḥbhāṣāartha -  sahitō samāptā ॥

चाणक्य की प्रसिद्धि : 

ये संस्कृत श्लोक आचार्य चाणक्य के द्वारा रचित हैं। उनका नाम कौटिल्य एवं विष्णुगुप्त के नाम से भी प्रसिद्ध है। उनकी रचनाएँ Chanakya सूत्र, chanakya niti, chanakya ni pothi, chanakya quotes, chanakya niti in hindi, chanakya quotes in hindi, चाणक्य, चाणक्य नीति,  चाणक्य नीति की 10 बातें,  चाणक्य नीति की बातें, चाणक्य के कड़वे वचन, चाणक्य नीति स्त्री, चाणक्य नीति की 100 बातें,  चाणक्य विचार इन हिंदी, चाणक्य नीति सुविचार, चाणक्य नीति जीवन जीने की, सुविचार चाणक्य के कड़वे वचन, sanskrit shlok, shlok,sanskrit, sanskrit shlok,sanskrit quotes,shlok in sanskrit, sanskrit thought, sanskrit slokas,संस्कृत श्लोक,श्लोक,छोटे संस्कृत श्लोक, आदि के रूप में चर्चित एवं प्रसिद्ध है । 

चाणक्य का कालातीत प्रभाव  :

हजारों वर्षों के उपरांत भी उनमें वही ताजगी और उपयोगिता है। अतः वे आज भी उतने ही प्रासंगिक बने हुए हैं जितने वे तब थे जब वे लिखे गये थे। संस्कृत में रचित होने के कारण उनमें कालांतर के प्रभाव को स्पष्टतः नहीं देखा जाता है क्योंकि संस्कृत भाषा का सर्वश्रेष्ठ व्याकरण उसके अस्तित्व एवं गुणवत्ता के साथ ही उसके प्रभाव कि भी सुरक्षा करता है। ये अत्यंत ज्ञानवर्धक, पठनीय एवं माननीय हैं। ये जीवन‌ के अनेक चौराहों पर हमारा मार्गदर्शन करते हैं जब सब ओर अंधकार छा जाने की प्रतीति होती है।

About Chanakya (चाणक्य के बारे में) :

 चाणक्य का प्रभाव प्राचीन भारत से परे तक फैला हुआ है, क्योंकि शासन कला और शासन पर उनके विचारों का दुनिया भर के विद्वानों और नीति निर्माताओं द्वारा अध्ययन और सम्मान किया जाता है।  राजनीति के प्रति उनका व्यावहारिक दृष्टिकोण और राज्य और उसके नागरिकों के कल्याण पर उनका जोर उन्हें एक कालातीत व्यक्ति बनाता है जिनकी बुद्धि समय और स्थान की सीमाओं से परे है।

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