tum prem ho tum preet ho lyrics in hindi तुम प्रेम हो, तुम प्रीत हो। मेरी बांसुरी का गीत हो. तुम प्रेम हो, तुम प्रीत हो। मनमीत हो, राधे, मेरी मनमीत हो. तुम प्रेम हो, तुम प्रीत हो। मनमीत हो, राधे, मेरी मनमीत हो. तुम प्रेम हो, तुम प्रीत हो। मेरी बांसुरी का गीत हो.… Read more: tum prem ho tum preet ho lyrics
Ve Kamleya Lyrics In Hindi वे कमलेया वे कमलेयावे कमलेया मेरे नादान दिलवे कमलेया वे कमलेयावे कमलेया मेरे नादान दिलदो नैनों के पेचीदा सौ गलियारेइनमें खो कर तू मिलता है कहाँतुझको अम्बर से पिंजरे ज्यादा प्यारेउड़ जा कहने सेसुनता भी तू है कहाँगल सुन ले आगल सुन ले आवे कमलेया मेरे नादान दिलवे कमलेया वे… Read more: Ve Kamleya Lyrics
सजा दो घर का गुलशन सा, अवध में राम आए हैं (Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa Avadh Me Ram Aaye Hain Lyrics) सजा दो घर का गुलशन सा,अवध में राम आए हैं,सजा दो घर को गुलशन सा,अवध में राम आए हैं,अवध मे राम आए है,मेरे सरकार आए हैं,लगे कुटिया भी दुल्हन सी,अवध मे राम… Read more: Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa Avadh Me Ram Aaye Hain Lyrics
सजा दो घर का गुलशन सा, अवध में राम आए हैं (Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa Avadh Me Ram Aaye Hain Lyrics)
सजा दो घर का गुलशन सा, अवध में राम आए हैं, सजा दो घर को गुलशन सा, अवध में राम आए हैं, अवध मे राम आए है, मेरे सरकार आए हैं, लगे कुटिया भी दुल्हन सी, अवध मे राम आए हैं, सजा दो घर को गुलशन सा, अवध मे राम आएं हैं ।
पखारों इनके चरणों को, बहा कर प्रेम की गंगा, बिछा दो अपनी पलकों को, अवध मे राम आए हैं, सजा दो घर को गुलशन सा, अवध मे राम आए हैं ।
तेरी आहट से है वाकिफ़, नहीं चेहरे की है दरकार, बिना देखेँ ही कह देंगे, लो आ गए है मेरे सरकार, लो आ गए है मेरे सरकार, दुआओं का हुआ है असर, दुआओं का हुआ है असर, अवध मे राम आए हैं, सजा दो घर को गुलशन सा, अवध मे राम आए हैं ।
सजा दो घर को गुलशन सा, अवध में राम आए हैं, अवध मे राम आए है, मेरे सरकार आए हैं, लगे कुटिया भी दुल्हन सी, अवध मे राम आए हैं, सजा दो घर को गुलशन सा, अवध मे राम आएं हैं।
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Ve Kamleya Lyrics In Hindi वे कमलेया वे कमलेयावे कमलेया मेरे नादान दिलवे कमलेया वे कमलेयावे कमलेया मेरे नादान दिलदो नैनों के पेचीदा सौ गलियारेइनमें खो कर तू मिलता है कहाँतुझको अम्बर से पिंजरे ज्यादा प्यारेउड़ जा कहने सेसुनता भी तू है कहाँगल सुन ले आगल सुन ले आवे कमलेया मेरे नादान दिलवे कमलेया वे… Read more: Ve Kamleya Lyrics
सजा दो घर का गुलशन सा, अवध में राम आए हैं (Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa Avadh Me Ram Aaye Hain Lyrics) सजा दो घर का गुलशन सा,अवध में राम आए हैं,सजा दो घर को गुलशन सा,अवध में राम आए हैं,अवध मे राम आए है,मेरे सरकार आए हैं,लगे कुटिया भी दुल्हन सी,अवध मे राम… Read more: Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa Avadh Me Ram Aaye Hain Lyrics
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी । हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप बिचारी ॥ लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा, निज आयुध भुजचारी । भूषन बनमाला, नयन बिसाला, सोभासिंधु खरारी ॥ कह दुइ कर जोरी, अस्तुति तोरी, केहि बिधि करूं अनंता । माया गुन ग्यानातीत अमाना, वेद पुरान भनंता ॥ करुना सुख सागर, सब गुन आगर, जेहि गावहिं श्रुति संता । सो मम हित लागी, जन अनुरागी, भयउ प्रगट श्रीकंता ॥ ब्रह्मांड निकाया, निर्मित माया, रोम रोम प्रति बेद कहै । मम उर सो बासी, यह उपहासी, सुनत धीर मति थिर न रहै ॥ उपजा जब ग्याना, प्रभु मुसुकाना, चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै । कहि कथा सुहाई, मातु बुझाई, जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै ॥ माता पुनि बोली, सो मति डोली, तजहु तात यह रूपा । कीजै सिसुलीला, अति प्रियसीला, यह सुख परम अनूपा ॥ सुनि बचन सुजाना, रोदन ठाना, होइ बालक सुरभूपा । यह चरित जे गावहिं, हरिपद पावहिं, ते न परहिं भवकूपा ॥ भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौसल्या हितकारी । हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप बिचारी ॥
राम नवमी
ramnavami
रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है जो अप्रैल-मई में आता है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा-पुरूषोत्तम भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था।
गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस बालकाण्ड में स्वयं लिखा है कि उन्होंने रामचरित मानस की रचना का आरम्भ अयोध्यापुरी में विक्रम सम्वत् १६३१ (१५७४ ईस्वी) के रामनवमी (मंगलवार) को किया था। गोस्वामी जी ने रामचरितमानस में श्रीराम के जन्म का वर्णन कुछ इस प्रकार किया है-
हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुनः स्थापना के लिये भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्री राम के रूप में अवतार लिया था। श्रीराम चन्द्र जी का जन्म चैत्र शुक्ल की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में रानी कौशल्या की कोख से, राजा दशरथ के घर में हुआ था।
सम्पूर्ण भारत में रामनवमी मनायी जाती है। तेलंगण का भद्राचलम मन्दिर उन स्थानों में हैं जहाँ रामनवमी बड़े धूमधाम से मनायी जाती है।
श्रीरामनवमी का त्यौहार पिछले कई हजार सालों से मनाया जा रहा है।
रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियाँ थीं लेकिन बहुत समय तक कोई भी राजा दशरथ को सन्तान का सुख नहीं दे पायी थीं जिससे राजा दशरथ बहुत परेशान रहते थे। पुत्र प्राप्ति के लिए राजा दशरथ को ऋषि वशिष्ठ ने पुत्रकामेष्टि यज्ञ कराने को विचार दिया। इसके पश्चात् राजा दशरथ ने अपने जमाई, महर्षि ऋष्यश्रृंग से यज्ञ कराया। तत्पश्चात यज्ञकुण्ड से अग्निदेव अपने हाथों में खीर की कटोरी लेकर बाहर निकले।
यज्ञ समाप्ति के बाद महर्षि ऋष्यश्रृंग ने दशरथ की तीनों पत्नियों को एक-एक कटोरी खीर खाने को दी। खीर खाने के कुछ महीनों बाद ही तीनों रानियाँ गर्भवती हो गयीं। ठीक 9 महीनों बाद राजा दशरथ की सबसे बड़ी रानी कौशल्या ने श्रीराम को जो भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे, कैकयी ने श्रीभरत को और सुमित्रा ने जुड़वा बच्चों श्रीलक्ष्मण और श्रीशत्रुघ्न को जन्म दिया। भगवान श्रीराम का जन्म धरती पर दुष्ट प्राणियों को संघार करने के लिए हुआ था।
आदि श्रीराम
कबीर साहेब जी आदि श्रीराम की परिभाषा बताते है की आदि श्रीराम वह अविनाशी परमात्मा है जो सब का सृजनहार व पालनहार है। जिसके एक इशारे पर धरती और आकाश काम करते हैं जिसकी स्तुति में तैंतीस कोटि देवी-देवता नतमस्तक रहते हैं। जो पूर्ण मोक्षदायक व स्वयंभू है।[6]
“एक श्रीराम दशरथ का बेटा, एक श्रीराम घट घट में बैठा, एक श्रीराम का सकल उजियारा, एक श्रीराम जगत से न्यारा”।।
रामनवमी पूजन
राम, सीता, लक्ष्मण एवं हनुमान राम नवमी पूजन में एक घर में रामनवमी के त्यौहार का महत्व हिंदु धर्म सभ्यता में महत्वपूर्ण रहा है। इस पर्व के साथ ही माँ दुर्गा के नवरात्रों का समापन भी होता है। हिन्दू धर्म में रामनवमी के दिन पूजा अर्चना की जाती है। रामनवमी की पूजा में पहले देवताओं पर जल, रोली और लेपन चढ़ाया जाता है, इसके बाद मूर्तियों पर मुट्ठी भरके चावल चढ़ाये जाते हैं। पूजा के बाद आरती की जाती है। कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते है।
रामनवमी का महत्व
यह पर्व भारत में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र की समाप्ति भी हो जाती है। हिंदु धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था अत: इस शुभ तिथि को भक्त लोग रामनवमी के रूप में मनाते हैं एवं पवित्र नदियों में स्नान करके पुण्य के भागीदार होते है।
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Ve Kamleya Lyrics In Hindi वे कमलेया वे कमलेयावे कमलेया मेरे नादान दिलवे कमलेया वे कमलेयावे कमलेया मेरे नादान दिलदो नैनों के पेचीदा सौ गलियारेइनमें खो कर तू मिलता है कहाँतुझको अम्बर से पिंजरे ज्यादा प्यारेउड़ जा कहने सेसुनता भी तू है कहाँगल सुन ले आगल सुन ले आवे कमलेया मेरे नादान दिलवे कमलेया वे… Read more: Ve Kamleya Lyrics
सजा दो घर का गुलशन सा, अवध में राम आए हैं (Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa Avadh Me Ram Aaye Hain Lyrics) सजा दो घर का गुलशन सा,अवध में राम आए हैं,सजा दो घर को गुलशन सा,अवध में राम आए हैं,अवध मे राम आए है,मेरे सरकार आए हैं,लगे कुटिया भी दुल्हन सी,अवध मे राम… Read more: Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa Avadh Me Ram Aaye Hain Lyrics
Ram aayenge to angana sajaungi lyrics / (राम आएँगे तो अंगना सजाऊँगी)
मेरी झोपड़ी के भाग,आज जाग जाएँगे, राम आएँगे, राम आएँगे आएँगे,राम आएँगे, मेरी झोपडी के भाग,आज जाग जाएँगे, राम आएँगे ॥
राम आएँगे तो,अंगना सजाऊँगी, दीप जलाके,दिवाली मनाऊँगी, मेरे जन्मो के सारे,पाप मिट जाएँगे, राम आएँगे, मेरी झोपडी के भाग,आज जाग जाएँगे, राम आएँगे ॥
राम झूलेंगे तो,पालना झुलाऊँगी, मीठे मीठे मैं,भजन सुनाऊँगी, मेरी जिंदगी के,सारे दुःख मिट जाएँगे, राम आएँगे, मेरी झोपडी के भाग,आज जाग जाएँगे, राम आएँगे ॥मेरा जनम सफल,हो जाएगा, तन झूमेगा और,मन गीत गाएगा, राम सुन्दर मेरी,किस्मत चमकाएंगे, राम आएँगे, मेरी झोपडी के भाग,आज जाग जाएँगे, राम आएँगे ॥
Ram aayenge to angana sajaungi lyrics In English
[Intro] Meri jhopdi ke bhaag aaj khul jayenge, Ram ayenge Meri jhopdi ke bhaag aaj khul jayenge, Ram ayenge Ram ayenge-ayenge, Ram ayenge Ram ayenge-ayenge, Ram ayenge
[Chorus] Meri jhopdi ke bhaag aaj khul jayenge, Ram ayenge Meri jhopdi ke bhaag aaj khul jayenge, Ram ayenge [Instrumental-break] [Verse 1] Ram aayenge toh angana sajaungi Deep jala ke Diwali main manaungi Ram aayenge toh angana sajaungi Deep jala ke Diwali main manaungi [Chorus] Mеre janmon ke saare paap mitt jayеnge, Ram ayenge Meri jhopdi ke bhaag aaj khul jayenge, Ram ayenge [Verse 2] Ram jhulenge toh paalna jhulaungi Meethe-meethe main Bhajan sunaungi Ram jhulenge toh paalna jhulaungi Meethe-meethe main Bhajan sunaungi [Chorus] Meri zindagi ke saare dukh mitt jayenge, Ram ayenge Meri jhopdi ke bhaag aaj khul jayenge, Ram ayenge [Verse 3] Main toh ruchi-ruchi Bhog lagaungi Maakhan-mishri main Ram ko khilaungi Main toh ruchi-ruchi Bhog lagaungi Maakhan-mishri main Ram ko khilaungi [Chorus] Pyari-Pyari Radhe, Pyare shyam sang aayenge, Ram ayenge Ram ayenge-ayenge, Ram ayenge Ram ayenge-ayenge, Ram ayenge [Outro] Meri jhopdi ke bhaag aaj khul jayenge, Ram ayenge Meri jhopdi ke bhaag aaj khul jayenge, Ram ayenge
माता शबरी की कथा(शबरी कौन हैं ?)
बात उस वक्त की हैं जब भगवान् श्री राम का जन्म भी नहीं हुआ था. भील जाति के एक कबीले जिसके राजा(मुखिया) अज थे. अज के घर में एक कन्या का जन्म हुआ जिसका नाम श्रमणा था. श्रमणा, शबरी का ही दूसरा नाम हैं. शबरी की माता का नाम – इन्दुमति था. शबरी की जाति – शबर थी, जो कि भील से सम्बंधित थी|शबरी बचपन में पक्षियों से अलौकिक बातें किया करती थी, जो सभी के लिए आश्चर्य का विषय था|धीरे शबरी बड़ी हुई, लेकिन उसकी कुछ हरकते अज और इंदुमति की समझ से परे थे|
समय रहते शबरी के बारे में उसके माता पिता ने किसी ब्राह्मण से पुछा की वह वैराग्य की बातें करती हैं. ब्राह्मण ने सलाह दी की इसका विवाह करवा दो|राजा अज और भीलरानी इन्दुमति ने शबरी के विवाह के लिए एक बाड़े में पशु पक्षियों को जमा कर दिए, फिर जब इन्दुमति शबरी के बाल बना रही थी तो शबरी ने पुछा कि – माँ हमारे बाड़े में इतने पशु पक्षी क्यों हैं? तब इंदुमती बताती हैं, ये तुम्हारे विवाह की दावत के लिए हैं, तुम्हारे विवाह के दिन इन पशु पक्षियों का विशाल भोज तैयार किया जायेगा|
शबरी (श्रमणा) को यह बात कुछ ठीक नहीं लगी, मेरे विवाह के लिए इतने जीवो का बलिदान नहीं देने दूंगी. अगर विवाह के लिए इतने जीवों की बलि दी जाएगी तो मैं विवाह ही नहीं करुँगी. श्रमणा ने रात्रि में सभी पशु पक्षियों को आज़ाद कर दिया, जब श्रमणा(शबरी) बाड़े के किवाड़ को खोल रही थी तो, उसको किसी ने देख लिया. इस बात से शबरी डर गयी. शबरी वहां से भाग निकली. शबरी भागते भागते ऋषिमुख पर्वत पर पहुँच गयी, जहाँ पर 10,000 ऋषि रहते थे.
इसके बावजूद शबरी छुपते हुए कुछ दिनों तक, जब तक वह पकड़ी नहीं गयी, रोज सवेरे ऋषियों के आश्रम में आने वाले पत्तों को साफ कर देती थी, और हवन के लिए सुखी लकड़ियों का बंदोबस्त भी कर देती, बड़े ही भाव से शबरी सविंधाओ से लकड़ियों को ऋषियों के हवन कुण्ड के पास रख देती थी. कुछ दिनों तक ऋषि समझ नही पाए, कि कौन हैं जो, उनके सारे नित्य के काम निपटा रहे हैं? कही कोई माया तो नहीं हैं. फिर जब ऋषियों ने अगले दिन सवेरे जल्दी शबरी को देखा तो उन्होंने शबरी को पकड लिया.
ऋषियों ने शबरी से उसका परिचय पुछा तो शबरी ने बताया की वह एक भीलनी हैं, एक ऋषि, ऋषि मतंग ने शबरी को अपनी बेटी कहकर उसको एक कुटिया में शरण दी, और सेवा करने को कहा. समय बीतता गया, मतंग ऋषि बूढ़े हो गए. मतंग ऋषि ने घोषणा की – अब मैं अपनी देह छोड़ना चाहता हूँ. तब शबरी ने कहा कि एक पिता को मैं वहां पर छोड़कर आयी, और आज आप भी मुझे छोड़कर जा रहे हैं, अब मेरा कौन ख्याल रखेगा?
मतंग ऋषि ने कहा – बेटी तुम्हारा ख्याल अब राम रखेंगे. शबरी सरलता से कहती हैं – राम कौन हैं? और मैं उन्हें कहाँ ढूढून्गी. बेटी तुम्हे उनको खोजने की जरुरत नहीं हैं. वो स्वयं तुम्हारी कुटिया पर चलकर आयेंगे. शबरी ने मतंग ऋषि के इस वचन को पकड़ लिया कि राम आयेंगे. शबरी रोज भगवान् के लिए फूल बिछा कर रखती, उनके लिए फल तोड़कर लाती, और पूरे दिन भगवान् श्री राम का इंतजार करती. इंतजार करते करते शबरी बूढी हो गई, लेकिन अब तक राम नहीं आये. फिर एक दिन आ ही गया – जब शबरी के वर्षों का इंतज़ार खत्म होने वाला था. शबरी ने फूल बिछा कर रखे थे.
Ram Siya Ram Lyrics in Hindi – Manoj Muntashir Shukla
ओ ओ ओ..
हो जनम जनम की खोज बताएं राम से चल के राम पे आए प्रेम कोई हम और न जानें राम से रूठे राम से मानें राम सिया की करुण कहानी एक है चंदन एक है पानी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम
राम सिया राम सिया राम जय जय राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम
हरी अनंत हरी कथा अनंता कहहि सुनहि बहु विधि सब संता
राम रतन धन जो कोई पाए जीवन भर रामायण गाए मंगल भवन अमंगल हारी द्रवहु सु दशरथ अजर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम
राम सिया राम सिया राम जय जय राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम
ओ ओ ओ..
राम सिया राम सिया राम जय जय राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम..
Ram Siya Ram Lyrics in English
O o o..
Ho janam janam ki khoj baytaye Ram su chal ke Ram pe aaye Prem koyi hum aur na jaanein Ram se roothe Ram se maane Ram Siya ki karun kahani Ek hai chandan ek hai paani
Ram Siya Ram Siya Ram jai jai Ram Ram Siya Ram Siya Ram jai jai Ram
Ram Siya Ram Siya Ram jai jai Ram Ram Siya Ram Siya Ram jai jai Ram
Hari anant hari katha ananta Kahahi sunahi bahu vidhi sab santaa
Ram ratan dhana jo koi paaye jeewav bhar ramayan gaaye Mangal bhawan amangal haari Drabahu su Dashrath ajar Bihari
Ram Siya Ram Siya Ram jai jai Ram Ram Siya Ram Siya Ram jai jai Ram
Ram Siya Ram Siya Ram jai jai Ram Ram Siya Ram Siya Ram jai jai Ram
O o o..
Ram Siya Ram Siya Ram jai jai Ram Ram Siya Ram Siya Ram jai jai Ram..
Ram Siya Ram Lyrics in Hindi
कौशल्या, दशरथ के नंदन
राम ललाट पे शोभित चन्दन
रघुपति की जय बोले लक्ष्मण
राम सिया का हो अभिनन्दन
अंजनी पुत्र पड़े हैं चरण में
राम सिया जपते तन मन में
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी
राम सिया राम सिया राम
जय जय राम
राम सिया राम सिया राम
जय जय राम
राम सिया राम सिया राम
जय जय राम
राम सिया राम सिया राम
जय जय राम
मेरे तन मन धड़कन में
सिया राम राम है
मन मंदिर के दर्पण में
सिया राम राम है
तू ही सिया का राम
राधा का तू ही श्याम
जन्मो जनम का ही ये साथ है
मीरा का तू भजन
भजते हरी पवन
तुलसी में भी लिखी ये बात है
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम राम सिया राम सिया राम जय जय राम
Siya Ram Jai Jai Ram with Lyrics | Anup Jalota | Sita Ram Bhajan | Shri Ram Songs
About Adipurush Film :
आदिपुरुष, हिंदू महाकाव्य रामायण का एक रूपांतरण, 18 अगस्त 2020 को एक प्रचार पोस्टर के माध्यम से घोषित किया गया था। प्रभास ने ओम राउत के निर्देशन में भगवान राम का किरदार निभाया है, जिन्होंने पहले पीरियड एक्शन फिल्म तान्हाजी (2020) का निर्देशन किया था। ओम राउत 1992 की जापानी फिल्म रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस रामा से आकर्षित थे और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके रामायण को एक फिल्म में बदलने के लिए प्रेरित हुए थे। भारत में COVID-19 लॉकडाउन के बीच राउत ने इसकी पटकथा लिखी। प्रभास को यह प्रोजेक्ट तुरंत पसंद आया और प्रोडक्शन कंपनी टी-सीरीज़ फिल्म्स इस प्रोजेक्ट के लिए बोर्ड में शामिल हो गई।
आदिपुरुष अब तक बनी सबसे महंगी भारतीय फिल्मों में से एक है, जिसका बजट ₹500-700 करोड़ है। इसे हिंदी और तेलुगु भाषाओं में एक साथ शूट किया गया, जबकि 3डी में भी फिल्माया गया।
कास्टिंग
सितंबर 2020 में, निर्माताओं ने खुलासा किया कि प्रभास भगवान राम का किरदार निभा रहे हैं, जिनके चरित्र का नाम बाद में राघव के रूप में सामने आया। सैफ अली खान, जो पहले से ही राउत की तानाजी में एक प्रतिपक्षी के रूप में काम कर चुके हैं, ने लंकेश उपनाम के साथ रावण की भूमिका के लिए अनुबंध किया।
Thumak Chalat Ram Chandra Baajat Paijaniya Kilak Kilak Uthat Dhave Girat Bhumi Latpataye Dhaya Maat God Let Dashrath Ki Raniya Anchal Raj Ang Jhari Vividh Bhanti So Dulari Tan Man Dhan Vaari Vaari Kahat Mridu Vachaniya
Vidwam Se Arun Adhar Bolat Mukh Madhur Madhur Subhag Nasika Mein Charu Latkat Latkaniya Tulasidas Ati Aanan Dekh Ke Mukharvind Raghuvar Chhabi Ke Samaan Raghubar Chhavi Baniya
अर्थ : जो सभी मंगलों के आधार हैं, जो मंगल करने वाले और अमंगल को हरण करनेवाले हो, दूर करने वाले हो ऐसे आप दशरथजी के आंँगन में विहार करनेवाले हैं,हे श्री राम! आप मुझ पर द्रवित हों, मुझपर अपनी कृपा वृष्टि करें।
होइहि सोइ जो राम रचि राखा।
को करि तर्क बढ़ावै साखा॥
अर्थ : वही होना निश्चित है जो भगवान राम ने पहले से ही नियत कर रखा है। और इसलिए व्यर्थ के तर्क करके इस बात पर बहुत सारा विवाद करना व्यर्थ है।
हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी।
आपद काल परखिये चारी।।
अर्थ : जब अपने जीवन में आपत्ति का या मुसीबत का समय होता है तब ही हमारे धीरज की हमारे धर्म की और हमारे मित्र की मित्रता की और पत्नी की परीक्षा होती है। अन्य समय में तो सब कुछ सामान्य रहता है। और इन बातों का पता नहीं लगाया जा सकता कि वे हमारे कितने सच्चे मित्र आदि हैं। वे अपना कर्तव्य या धर्म हमारे प्रति निर्वाह करते हैं या नहीं यह आपत्ति के समय ही पता चलता है।
जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू।
सो तेहि मिलहिं न कछु सन्देहू।।
अर्थ : जिसकी जिसके प्रति सच्चा प्रीति अथवा गहरा स्नेहा होता है उसे वह अवश्य ही मिलता है इसमें किसी भी प्रकार का कोई संदेह नहीं है।
हो, जाकी रही भावना जैसी।
प्रभु मूरति देखी तिन तैसी।।
अर्थ : ईश्वर में जिसकी जैसी भावना होती है ईश्वर के विग्रह से उसे वैसा ही अनुभव होता है।
रघुकुल रीत सदा चली आई।
प्राण जाए पर वचन न जाई।।
अर्थ : रघुवंश में जन्म लेने वाले, जिनके नाम से इस वंश का नाम रघुवंश पड़ा है। ऐसे राजा रघु के कुल में यह परंपरा चली आई है कि भले ही प्राण चले जाएंँ किंतु रघुकुल के लोग सदैव अपना वचन अवश्य निभाते हैं।
हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता।
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता।।
अर्थ : ईश्वर का एक नाम अनंत है अर्थात वे सर्व व्याप्त है कहीं भी उनका अंत नहीं है अनंत हैं वे। उसी प्रकार ईश्वर की कथा भी अनंत है उसकी भी कोई सीमा नहीं है। ऐसी कथा को संत लोग भिन्न-भिन्न प्रकार से कहते और सुनते रहते हैं।
FAQs
Q. अजिर बिहारी का मतलब क्या होता है?
Ans – अजिर यानि आँगन व बिहारी मतलब विहरने वाला या घूमने वाला। तो द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी का अर्थ है – बाल रूप में दशरथ के आँगन मे विचरण करने वाले हे श्री राम, हम पर प्रसन्न हों। मंगल करने वाले व अमंगल को हरने वाले, बाल रूप में दशरथ के आँगन मे विचरण करने वाले, हे श्री राम, हम पर प्रसन्न हों।
Q. मंगल भवन अमंगल हारी द्रवहु सो दशरथ अजिर बिहारी इन पंक्तियों में कौन सा छंद है?
Ans – इन पंक्तियों में चौपाई छन्द का प्रयोग हुआ है, अन्य विकल्प असंगत है, अत: विकल्प 2 ‘चौपाई’ सही उत्तर होगा। चौपाई मात्रिक सम छंद है।
Q. मंगल भवन अमंगल हारी द्रवहु सुदसरथ अचर बिहारी।
(अर्थ : जो मंगल करने वाले है और अमंगल को दूर करने वाले है , वो दशरथ नंदन श्री राम है, वो मुझपर अपनी कृपा करे.)