Likhne Wale Ne Likh Daale Hindi Lyrics/लिखने वाले ने लिख डाले लिरिक्स
हो हो हो..
लिखने वाले ने लिख डाले
लिखने वाले ने लिख डाले
मिलन के साथ बिछोड़े
अस्सा हुंण टुर जाणा ए
दिन रह गये थोड़े
अस्सा हुंण टुर जाणा ए
दिन रह गये थोड़े
लिखने वाले ने लिख डाले
मिलन के साथ बिछोड़े
अस्सा हुंण टुर जाणा ए
दिन रह गये थोड़े
अस्सा हुंण टुर जाणा ए
दिन रह गये थोड़े
मुश्किल है इस शहर से जाना
मुश्किल है इस शहर से जाना
फिर जाने कब होगा आना
याद ना आना भूल ना जाना
याद ना आना भूल ना जाना
ये दिल कैसा है दीवाना
चार दिनों में इसने कितने
रिश्ते नाते जोड़े
अस्सा हुंण टुर जाणा ए
दिन रह गये थोड़े
अस्सा हुंण टुर जाणा ए
दिन रह गये थोड़े
हो हो हो..
मिलना बिछड़ना रीत यही है
मिलना बिछड़ना रीत यही है
हार यही है जीत यही है
प्यार यही है प्रीत यही है
मेरा आखिरी गीत यही है
इस बैरन बिरहा ने जाने
कितनो के दिल तोडे
अस्सा हुंण टुर जाणा ए
दिन रह गये थोड़े
अस्सा हुंण टुर जाणा ए
दिन रह गये थोड़े
दुनिया के दस्तूर हैं ऐसे
दुनिया के दस्तूर हैं ऐसे
सारे बंधन सपनों जैसे
दिल गम से लेते है वैसे
कोई आंसू रोके कैसे जब
बेटी डोली में बैठे
हो.. जब बेटी डोली में बैठे
बाबुल का घर छोड़े
अस्सा हुंण..
(अस्सा हुंण टुर जाणा ए
दिन रह गये थोड़े
अस्सा हुंण टुर जाणा ए
दिन रह गये थोड़े) x २
Lyrics in English
Likhane wale ne likh dale – (x2)
Milne ke saath nichode
Assa hunn tuur jaan aaye din reh gaye thode – (x2)
Likhane wale ne likh dale milne ke saath nichode
Assa hunn tuur jaan aaye din reh gaye thode – (x2)
ushkil hai iss shehar se jaana – (x2)
Phir jaane kab hoga aana
Yaad na aana bhul na jaana – (x2)
Yeh dil kaisa hai deewana
Chaar dino mein isne kitne rishte naate jode
Assa hunn tuur jaan aaye din reh gaye thode – (x2)
Milna bichadna reet yahi hai – (x2)
Haar yahi hai jeet yahi hai
Pyar yahi hai preet yahi hai
Mera aakhiri geet yahi hai
Iss bairan birha ne jaane kitno ke dil tode
Assa hunn tuur jaan aaye din reh gaye thode – (x2)
Duniya ke dastoor hai aaise – (x2)
Saare bandhan sapanon jaise
Dil gam seh lete hai waise
Koi aansu roke kaise jab beti doli mein baithe
Ho jab beti doli mein baithe
Baabul ka ghar chhode
Assa hunn tuur jaan aaye din reh gaye thode – (x4)
उपयोगी जानकारी :
अर्पण के हिंदी गीत ‘लिखने वाले ने लिख डाले’ गीतकार आनंद बख्शी द्वारा लिखे गए हैं, लता मंगेशकर, सुरेश वाडेकर द्वारा ये गाए गए हैं और संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा दिया गया है। जितेन्द्र, रीना रॉय, राज बब्बर,और परवीन बाबी ने इसमें अभिनय किया है।
गाने का शीर्षक: लिखने वाले ने लिख डाले
फिल्म: अर्पण
गायक: लता मंगेशकर, सुरेश वाडकर
गीत: आनंद बख्शी
संगीत: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
संगीत लेबल: सारेगामा
वर्ष: 1983
गीत का भावार्थ :
लता मंगेशकर, एक ऐसा नाम है जिसे लोग वर्षों से गुनगुना रहे हैं, और इनके गानों की महक लम्बे समय तक बनी रहेगी। लता जी ने खुशी और दुःख के हर मूड के लिए अपनी गायकी का जादू बिखेरा है। उनके कुछ गाने ऐसे हैं जिन्हें सुनने के बाद आप अपने आपको नाचने से रोक नहीं सकते, जबकि कुछ गाने ऐसे हैं जो आंसू भर देते हैं। कुछ ऐसा ही 1983 में आई फिल्म अर्पण के गीत का है, लता दी ने सुरेश वाडकर के साथ एक ऐसा गाना गाया था जिसे हम सबने सुना होगा, लेकिन इसका भावार्थ अब तक अधिकांश लोगों तक नहीं पहुंचा होगा।
1983 में रिलीज हुई फिल्म ‘अर्पण’ में, जिसमें जितेंद्र, परवीन बॉबी, और राज बब्बर जैसे कई कलाकार नजर आए। इस फिल्म का एक गाना था जिसे आनंद बक्शी ने इसे जो जीवंतता दी है जैसे इसे लिखा है, इसने सुनने वालों की आँखों में आंसू ला दिए। इस गाने के संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने तो इस सोने को सुहागे से ही भर दिया है। इस गाने का फिल्मांकन भी बेहतरीन ढंग से हुआ है। इस गाने को हिंदी और पंजाबी भाषा में गाया गया था, जिसके बोल थे ‘असा हुण टुर जाणा ए…’। आप यहां इस गाने के अर्थ को समझ सकेंगे।
ऐसे गाने सुनने वालों को भावुक कर देते हैं, इस गाने ने भी किया। कुछ लोगों ने इसे अपनी बेटी की विदाई से जोड़ा है, जिससे उनकी आँखों में आंसू आ जाते हैं क्योंकि वे भी एक दिन अपनी बिटियां को विदा करेंगे। गाने के बोल हैं –
‘लिखने वाले ने लिख डाले
लिखने वाले ने लिख डाले
मिलने के साथ विछोड़े
अस्सा हूण दूर जाणा ए
दिन रह गए थोड़े’
उस विधाता ने यह लिखकर ही भेजा है कि ऐसा होना है।
गाने का मतलब बहुत ही गहरा है। बेटी अपने माता-पिता से अपनी भावनाओं की बात करती है और कहती है कि लिखने वाले ने लिख दिया है कि मिलने के साथ ही बिछुडना भी होगा, इसलिए अब उसको उनसे बहुत दूर जाना है।
‘याद न आना, भूल न जाना’
गाने में एक और लाइन है, जिसमें परवीन बॉबी भावुक होती दिखाई देती है और कहती है, उनका अभिनय बहुत सुंदर है, ‘याद न आना, भूल न जाना’। इससे वह कहती है कि बाबुल, मुझे याद न करना, क्योंकि आपको याद कर कर के मैं तो रो जाऊँगी, लेकिन उनसे भी कहती है कि भूल न जाएं, अर्थात वे अपनी बेटी को भूलें नहीं ।
विदाई के समय सुरेश वाडेकर जी कि आवाज में पिता भावपूर्ण अभिव्यक्ति देते हुए कहते हैं –
दुनिया के दस्तूर हैं ऐसे* 2
सारे बंधन सपनों जैसे
दिल सह लेता है वैसे
कोई आंसू रोक कैसे
जब बेटी डोली में बैठे।।*2
बाबुल का घर छोडे।
(असाहुण टुर जाणाए …..)x2
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