अथ प्रथमोऽध्याय: ॥ 1.1 ॥
atha prathamō’dhyāya: ॥ 1.1 ॥
प्रणम्य शिरसा विष्णुं त्रैलोक्याधिपतिं प्रभुम् ॥ नानाशास्त्रोद्धृतं वक्ष्येराजनीतिसमुच्चयम्॥ १ ॥ अर्थ - तीनों लोकों के पालन करने वाले सर्वशक्तिमान् भगवान विष्णु को शीष नवाकर प्रणाम करके अनेक शास्त्रों में से निकालकर राजनीति समुच्चय नामक ग्रंथ को कहता हूंँ ॥ १ ॥ praṇamya śirasā viṣṇuṃ trailokyādhipatiṃ prabhum. nānāśāstroddhṛtaṃ vakṣyerājanītisamuccayam. ॥ 1 ॥ Meaning - After paying my obeisance to the Almighty Lord Vishnu, who is the sustainer of the three worlds, I present to you a book called Rajniti Samuchaya, out of many scriptures. ॥ 1 ॥
ग्रन्थ का नाम : चाणक्यनीतिदर्पण, रचनाकार – आचार्य चाणक्य प्रथम अध्याय – श्लोक-01
तीनों लोकों के पालन करने वाले सर्वशक्तिमान् भगवान विष्णु को शीष नवाकर प्रणाम करके अनेक शास्त्रों में से निकालकर राजनीति समुच्चय नामक ग्रंथ को कहता हूंँ ॥
आचार्य चाणक्य
चाणक्य की प्रसिद्धि :
ये संस्कृत श्लोक आचार्य चाणक्य के द्वारा रचित हैं। उनका नाम कौटिल्य एवं विष्णुगुप्त के नाम से भी प्रसिद्ध है। उनकी रचनाएँ Chanakya सूत्र, chanakya niti, chanakya ni pothi, chanakya quotes, chanakya niti in hindi, chanakya quotes in hindi, चाणक्य, चाणक्य नीति, चाणक्य नीति की 10 बातें, चाणक्य नीति की बातें, चाणक्य के कड़वे वचन, चाणक्य नीति स्त्री, चाणक्य नीति की 100 बातें, चाणक्य विचार इन हिंदी, चाणक्य नीति सुविचार, चाणक्य नीति जीवन जीने की, सुविचार चाणक्य के कड़वे वचन, sanskrit shlok, shlok,sanskrit, sanskrit shlok,sanskrit quotes,shlok in sanskrit, sanskrit thought, sanskrit slokas,संस्कृत श्लोक,श्लोक,छोटे संस्कृत श्लोक, आदि के रूप में चर्चित एवं प्रसिद्ध है ।
चाणक्य का कालातीत प्रभाव :
हजारों वर्षों के उपरांत भी उनमें वही ताजगी और उपयोगिता है। अतः वे आज भी उतने ही प्रासंगिक बने हुए हैं जितने वे तब थे जब वे लिखे गये थे। संस्कृत में रचित होने के कारण उनमें कालांतर के प्रभाव को स्पष्टतः नहीं देखा जाता है क्योंकि संस्कृत भाषा का सर्वश्रेष्ठ व्याकरण उसके अस्तित्व एवं गुणवत्ता के साथ ही उसके प्रभाव कि भी सुरक्षा करता है। ये अत्यंत ज्ञानवर्धक, पठनीय एवं माननीय हैं। ये जीवन के अनेक चौराहों पर हमारा मार्गदर्शन करते हैं जब सब ओर अंधकार छा जाने की प्रतीति होती है।
About Chanakya (चाणक्य के बारे में) :
चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन भारतीय दार्शनिक, गुरु और आचार्य, अर्थशास्त्री, न्यायविद् और राजकीय सलाहकार थे। वह चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में रहते थे और राजनीतिक विचार और शासन में उनके महत्वपूर्ण योगदान के कारण उन्हें भारतीय इतिहास की सबसे महान हस्तियों में से एक माना जाता है।
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