73.
दीन सबन को लखत है, दीनहिं लखै न कोय।
जो रहीम दीनहिं लखत, दीनबन्धु सम होय ॥
अर्थात् रहीमदास जी कहते हैं कि दरिद्र को सब देखते हैं, परन्तु दरिद्र को कोई नहीं देखता। जो गरीबों की प्यार से देखभाल करता है, उनकी मदद करता है, वह गरीबों के लिए भगवान के समान हो जाता है।
dīna sabana ko lakhata hai, dīnahiṃ lakhai na koya.
jo rahīma dīnahiṃ lakhata, dīnabandhu sama hoya.
That is, Rahimdas ji says that everyone sees the poor, but no one sees the poor. One who lovingly takes care of the poor and helps them, becomes like God to the poor.
पुष्प की अभिलाषा पुष्प की अभिलाषा /पं.माखनलाल चतुर्वेदी चाह नहीं, मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ।चाह नहीं, प्रेमी-माला में बिंध… Read more: Pushp Ki Abhilasha
आदि गुरु श्री शंकराचार्य विरचित Adi Shankara’s Bhaja Govindam Bhaj Govindam In Sanskrit Verse Only भज गोविन्दं भज गोविन्दं भजमूढमते ।… Read more: भज गोविन्दं (BHAJ GOVINDAM)
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