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कहा करौं बैकुंठ लै, कल्प बृच्छ की छाँह।
रहिमन ढाक सुहावनो, जो गल पीतम बाँह॥
अर्थ : रहीमदास जी कहते हैं कि मुझे स्वर्ग का सुख और कल्पवृक्ष की छाया नहीं चाहिए, मुझे तो वह ढाक का पेड़ बहुत पसंद है जहाँ मैं अपने प्रियतम के गले से लगा कर बैठ सकता हूँ।
kahā karauṃ baikuṃṭha lai, kalpa bṛccha kī chāṁha.
rahimana ḍhāka suhāvano, jo gala pītama bāṁha.
Meaning : Rahimdas ji says that I do not want the happiness of heaven and the shade of Kalpavriksha, I like the Dhak tree very much where I can sit hugging my beloved.
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