60.
कहु रहीम कैसे निभै, बेर केर को संग।
वे डोलत रस आपने, उनके फाटत अंग ॥
अर्थात् रहीमदास जी कहते हैं कि दो विपरीत सोच वाले लोगों की आपस में नहीं बनती, यदि बेर के पेड़ पर कांटे हों तो केले का पेड़ मुलायम हो जाता है। जब हवा के झोंके के कारण बेर की शाखाएँ बेतहाशा हिलती हैं, तो केले के पेड़ का हर हिस्सा फट जाता है।
kahu rahīma kaise nibhai, bera kera ko saṃga.
ve ḍolata rasa āpane, unake phāṭata aṃga.
That is, Rahimdas ji says that two people with opposite views do not get along, if there are thorns on the plum tree, then the banana tree becomes soft. When the gust of wind causes the plum branches to shake wildly, every part of the banana tree gets torn apart.
आदि गुरु श्री शंकराचार्य विरचित Adi Shankara’s Bhaja Govindam Bhaj Govindam In Sanskrit Verse Only भज गोविन्दं भज गोविन्दं भजमूढमते… Read more: भज गोविन्दं (BHAJ GOVINDAM)
Leave a Reply