Rahim ke Dohe with Hindi and English Meanings
रहीम के दोहे हिंदी अर्थ के साथ
Couplets of Rahim with English Meaning
44. जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग। चन्दन विष व्यापे नहीं, लिपटे रहत भुजंग।। अर्थ : रहीम कहते हैं कि जो लोग अच्छे स्वभाव के होते हैं, उन्हें बुरी संगति भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती। चंदन के पेड़ पर जहरीले सांप लिपटे रहने पर भी उस पर कोई जहरीला प्रभाव नहीं डाल पाते। jo rahīma uttama prakṛti, kā karī sakata kusaṃga. candana viṣa vyāpe nahīṃ, lipaṭe rahata bhujaṃga. Meaning : Rahim says that even bad company cannot harm those who are of good nature. Even if poisonous snakes are wrapped around a sandalwood tree, they are unable to have any poisonous effect on it.
- Ye Tune Kya Kiya LyricsYe Tune Kya Kiya Lyrics Ishq woh balaa haiIshq woh balaa haiJisko chhua jisne woh jalaa hai Dil se hota hai shuruDil se hota hai shuruPar kambakht sar pe chadha hai Kabhi khud se, kabhi khuda seKabhi zamaane se ladaa haiItna hua badnaam phir bhiHar zubaan pe adaa hai Ishq ki saazisheinIshq ki baaziyaanHaara main… Read more: Ye Tune Kya Kiya Lyrics
- Jo Tum Mere HoSong by Anuv Jain ‧ 2024 JO TUM MERE HO Lyrics हैरान हूँ कि कुछ भी न मांगूं कभी मैं जो तुम मेरे हो ऐसा हो क्यों? कि लगता है हासिल सभी है जो तुम मेरे हो जो तुम मेरे हो तो मैं कुछ नहीं मांगूं दुनिया से और तुम हो ही नहीं तो मैं… Read more: Jo Tum Mere Ho
- हिंदी दिवस पर कविता(hindi Diwas Par Kavita)हिंदी दिवस पर कविता(hindi Diwas Par Kavita) 14 सितंबर को ‘हिन्दी दिवस’ मनाया जाता है। संवैधानिक रूप से हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है किंतु सरकारों ने उसे उसका प्रथम स्थान न देकर अन्यत्र धकेल दिया यह दुखदाई है। हिंदी को राजभाषा के रूप में देखना और हिंदी दिवस के रूप में उसका सम्मान… Read more: हिंदी दिवस पर कविता(hindi Diwas Par Kavita)
- कैदी और कोकिला/पं.माखनलाल चतुर्वेदी कैदी और कोकिला 1क्या गाती हो?क्यों रह-रह जाती हो? कोकिल बोलो तो ! क्या लाती हो? सन्देशा किसका है? कोकिल बोलो तो ! 2ऊँची काली दीवारों के घेरे में, डाकू, चोरों, बटमारों के डेरे में, जीने को देते नहीं पेट भर खाना, मरने भी देते नहीं, तड़प रह जाना ! जीवन पर अब दिन-रात कड़ा पहरा है, शासन है, या तम का… Read more: कैदी और कोकिला/
- Pushp Ki Abhilashaपुष्प की अभिलाषा पुष्प की अभिलाषा /पं.माखनलाल चतुर्वेदी चाह नहीं, मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ।चाह नहीं, प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ॥चाह नहीं, सम्राटों के शव पर, हे हरि, डाला जाऊँ।चाह नहीं, देवों के सिर पर चढूँ, भाग्य पर इठलाऊँ॥मुझे तोड़ लेना वनमाली!उस पथ में देना तुम फेंक॥मातृ-भूमि पर शीश चढ़ाने।जिस पथ जावें… Read more: Pushp Ki Abhilasha