चाणक्य नीति दर्पण मूलत: संस्कृत (Sanskrit) में संस्कृत सुभाषितों के रूप में, काव्यात्मक एवं श्लोकों के रूप में लिखा हुआ ग्रंथ है। इसके रचनाकार आचार्य चाणक्य हैं। उनके ये संस्कृत श्लोक चाणक्य नीति के नाम से संसार भर में प्रसिद्ध हैं। यहां पर यह श्लोक देवनागरी लिपि एवं रोमन लिपि में भी दिए गए हैं एवं उनके अर्थ हिंदी देवनागरी एवं अंग्रेजी में रोमन लिपि में भी दिये गये हैं। जिससे विदेशों में रहने वाले भारतीय जो देवनागरी से परिचित नहीं हैं सनातन ग्रंथों के ज्ञान से लाभान्वित हो सकें।
अथ पंचमोऽध्यायः ॥ 5 ॥
atha paṁcamō’dhyāyaḥ ॥ 5 ॥
मूर्खाणांपंडिताद्वेष्या अधनानांमहाधनाः ॥ दुर्भगाणांचसुभगाःकुलटानांकुलांगनाः॥६॥ अर्थ - मूर्ख पंडितों से, दरिद्री धनिकों से, व्यभिचारिणी कुलस्त्रियों से, और विधवा सुहागिनियों से बुरा मानती हैं अर्थात् यह सामान्य स्वभाव होता है ॥ ६ ॥ mūrkhāṇāṁpaṁḍitādvēṣyā adhanānāṁmahādhanāḥ ॥ durbhagāṇāṁcasubhagāḥkulaṭānāṁkulāṁganāḥ॥6॥ Meaning - She feels bad against foolish scholars, poor rich people, adulterous noblewomen and widows against married women, that is, it is their normal nature. ।। 6॥ आलस्योपहताविद्या पर हस्तेगतंधनम् ॥ अल्पबीजंदतंक्षेत्रं हतंसैन्यमनायकम् ॥ ७ ॥ अर्थ - आलस्यसे विद्या नष्ट हो जाती है, दूसरे के हाथ में जाने से धन निरर्थक हो जाता है, बीज की न्यूनता से खेत नष्ट हो जाता है, सेनापति के बिना सेना नष्ट हो जाती है ॥ ७॥ ālasyōpahatāvidyā para hastēgataṁdhanam ॥ alpabījaṁdataṁkṣētraṁ hataṁsainyamanāyakam ॥ 7 ॥ Meaning - Knowledge is destroyed due to laziness, wealth becomes worthless if it goes into someone else's hands, fields are destroyed due to lack of seeds, and an army is destroyed without a commander. ।।7॥ अभ्यासादार्यतेविद्याकुलंशीलेन धार्यते ॥ गुणेनज्ञायतेत्वार्यः कोपोनेत्रेणगम्यते ॥ ८ ॥ अर्थ - अभ्यास से विद्या, सुशीलता से कुल, गुण से भला मनुष्य और नेत्र से कोप ज्ञात होता है ॥८॥ abhyāsādāryatēvidyākulaṁśīlēna dhāryatē ॥ guṇēnajñāyatētvāryaḥ kōpōnētrēṇagamyatē ॥ 8 ॥ Meaning - Knowledge is known through practice, family is known through kindness, a good person is known through qualities and anger is known through eyes.।।8।। बित्तेनरक्ष्यतेधर्मोविद्यायोगेनरक्ष्यते ॥ मृदुनारक्ष्यतेभूपःसत्त्रियारक्ष्यतेगृहम्॥ ९॥ अर्थ - धन से धर्म की रक्षा होती है, यम नियम आदि योग से ज्ञान रक्षित होता है, मृदुता से राजा की रक्षा होती है, सच्ची स्त्री से घरकी रक्षा होती है ॥ ९ ॥ bittēnarakṣyatēdharmōvidyāyōgēnarakṣyatē ॥ mr̥dunārakṣyatēbhūpaḥsattriyārakṣyatēgr̥ham॥ 9॥ Meaning - Dharma is protected by wealth, knowledge is protected by Yama Niyama etc. Yoga, king is protected by softness, home is protected by a true woman. ।।9॥ अन्यथा वेदपाण्डित्यंशास्त्रमाचारमन्यथा ॥ अन्यथा यद्वदन्शांतंलोकाःक्लिश्यन्तिचान्यथा ॥ 10॥ अर्थ - वेद के पांडित्य को व्यर्थ प्रकाश करने वाला, शास्त्र और उसके आचार के विषय में व्यर्थ विवाद करनेवाला, शांँत पुरुषों को अन्यथा कहनेवाला, ये लोग व्यर्थ ही क्लेश उठाते हैं ॥ १० ॥ anyathā vēdapāṇḍityaṁśāstramācāramanyathā ॥ anyathā yadvadanśāṁtaṁlōkāḥkliśyanticānyathā ॥ 10॥ Meaning - Those who uselessly expose the wisdom of the Vedas, those who make pointless disputes about the scriptures and their conduct, those who say otherwise to peaceful people, these people suffer in vain. ।।10 ॥
ग्रन्थ का नाम : चाणक्यनीतिदर्पण, रचनाकार – आचार्य चाणक्य, अध्याय – 5 श्लोक- 6-10
चाणक्य की प्रसिद्धि :
ये संस्कृत श्लोक आचार्य चाणक्य के द्वारा रचित हैं। उनका नाम कौटिल्य एवं विष्णुगुप्त के नाम से भी प्रसिद्ध है। उनकी रचनाएँ Chanakya सूत्र, chanakya niti, chanakya ni pothi, chanakya quotes, chanakya niti in hindi, chanakya quotes in hindi, चाणक्य, चाणक्य नीति, चाणक्य नीति की 10 बातें, चाणक्य नीति की बातें, चाणक्य के कड़वे वचन, चाणक्य नीति स्त्री, चाणक्य नीति की 100 बातें, चाणक्य विचार इन हिंदी, चाणक्य नीति सुविचार, चाणक्य नीति जीवन जीने की, सुविचार चाणक्य के कड़वे वचन, sanskrit shlok, shlok,sanskrit, sanskrit shlok,sanskrit quotes,shlok in sanskrit, sanskrit thought, sanskrit slokas,संस्कृत श्लोक,श्लोक,छोटे संस्कृत श्लोक, आदि के रूप में चर्चित एवं प्रसिद्ध है ।
चाणक्य का कालातीत प्रभाव :
हजारों वर्षों के उपरांत भी उनमें वही ताजगी और उपयोगिता है। अतः वे आज भी उतने ही प्रासंगिक बने हुए हैं जितने वे तब थे जब वे लिखे गये थे। संस्कृत में रचित होने के कारण उनमें कालांतर के प्रभाव को स्पष्टतः नहीं देखा जाता है क्योंकि संस्कृत भाषा का सर्वश्रेष्ठ व्याकरण उसके अस्तित्व एवं गुणवत्ता के साथ ही उसके प्रभाव कि भी सुरक्षा करता है। ये अत्यंत ज्ञानवर्धक, पठनीय एवं माननीय हैं। ये जीवन के अनेक चौराहों पर हमारा मार्गदर्शन करते हैं जब सब ओर अंधकार छा जाने की प्रतीति होती है।
About Chanakya (चाणक्य के बारे में) :
चाणक्य का प्रभाव प्राचीन भारत से परे तक फैला हुआ है, क्योंकि शासन कला और शासन पर उनके विचारों का दुनिया भर के विद्वानों और नीति निर्माताओं द्वारा अध्ययन और सम्मान किया जाता है। राजनीति के प्रति उनका व्यावहारिक दृष्टिकोण और राज्य और उसके नागरिकों के कल्याण पर उनका जोर उन्हें एक कालातीत व्यक्ति बनाता है जिनकी बुद्धि समय और स्थान की सीमाओं से परे है।
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