चाणक्य नीति दर्पण मूलत: संस्कृत (Sanskrit) में संस्कृत सुभाषितों के रूप में, काव्यात्मक एवं श्लोकों के रूप में लिखा हुआ ग्रंथ है। इसके रचनाकार आचार्य चाणक्य हैं। उनके ये संस्कृत श्लोक चाणक्य नीति के नाम से संसार भर में प्रसिद्ध हैं। यहां पर यह श्लोक देवनागरी लिपि एवं रोमन लिपि में भी दिए गए हैं एवं उनके अर्थ हिंदी देवनागरी एवं अंग्रेजी में रोमन लिपि में भी दिये गये हैं। जिससे विदेशों में रहने वाले भारतीय जो देवनागरी से परिचित नहीं हैं सनातन ग्रंथों के ज्ञान से लाभान्वित हो सकें।
अथ चतुर्थोऽध्यायः ॥ 4 ॥
atha caturthō’dhyāyaḥ ॥ 4 ॥
ग्रन्थ का नाम : चाणक्यनीतिदर्पण, रचनाकार – आचार्य चाणक्य, अध्याय – 4 श्लोक- 11-15
सकृज्जल्पन्तिराजानः सकृज्जल्पंतिपंडिताः ॥ सकृत्कन्याःप्रदीयन्तेत्रीण्येतानिसकृत्सकृत् ।।४.११।। अर्थ - राजा लोग एक ही बार आज्ञा देते हैं, पंडित लोग एक ही बार बोलते हैं, कन्या का दान एक ही बार होता है ये तीनों बात एक बार ही होती हैं ॥ ११ ॥ sakr̥jjalpantirājānaḥ sakr̥jjalpaṁtipaṁḍitāḥ ॥ sakr̥tkanyāḥpradīyantētrīṇyētānisakr̥tsakr̥t ॥4.11॥ Meaning - Kings give orders only once, scholars speak only once, marriage of a girl takes place only once, all three things happen only once. ।।4.11 ॥ एकाकिनां तपोद्वाभ्यां पठनंगापनंत्रिभिः ॥ चतुर्भिगमनं क्षेत्रंपंचभिर्बहुभीरणम् ॥ १२ ॥ अर्थ - अकेले में तप, दो से पढना, तीन से गाना, चार से पन्थ में चलना, पांँच से खेती और बहुतों से युद्ध भलीभांति से बनते हैं ॥ १२ ॥ ēkākināṁ tapōdvābhyāṁ paṭhanaṁgāpanaṁtribhiḥ ॥ caturbhigamanaṁ kṣētraṁpaṁcabhirbahubhīraṇam ॥ 12 ॥ Meaning - Penance is done well with one, study with two, singing with three, following a sect with four, farming with five and war with many. ।। 12 ॥ साभार्यायाशुचिर्दक्षासाभार्यायापतिब्रता ॥ साभार्यापतिप्रीता साभार्यासत्यवादिनी ॥१३॥ अर्थ - वही भार्या है, जो पवित्र और चतुर हो, वही भार्या है; जो पतिव्रता है वही भार्या है; जिस पर पति की प्रीति है। वही भार्या है; जो सत्य बोलती है अर्थात् दान मान पोषण पालन के योग्य है ॥ १३ ॥ sābhāryāyāśucirdakṣāsābhāryāyāpatibratā ॥ sābhāryāpatiprītā sābhāryāsatyavādinī ॥13॥ Meaning - Only the one who is pure and clever is a wife; she is a wife; The one who is devoted to her husband is a wife; On whom her husband is in love. She is the wife; One who speaks the truth means one who is worthy of charity, respect and nurture. ।। 13 ॥ अपुत्रस्यगृहंशून्यदिशःशून्यास्त्ववाधवः ॥ मूर्खस्थहृदयंशून्यं सर्वशून्यादरिद्रता ॥ १४ ॥ अर्थ - निपुत्री(वांझ) का घर सूना है, बन्धुरहित दिशा शून्य है। मूर्ख का हृदय शून्य है। और सर्व शून्य दारिद्रता है ॥ १४ ॥ aputrasyagr̥haṁśūnyadiśaḥśūnyāstvavādhavaḥ ॥ mūrkhasthahr̥dayaṁśūnyaṁ sarvaśūnyādaridratā ॥ 14 ॥ Meaning - The house of a daughter-in-law is desolate, the direction without any brother is void. The heart of a fool is void. And there is zero poverty. ।।14 ॥ अनभ्यासेविषशास्त्रमजीर्णे भोजनंविषम् ॥ दरिद्रस्यविषंगोष्ठीवृद्धस्यतरुणीविषम् ॥ १५ ॥ अर्थ - बिनाभ्यास से शास्त्र विष हो जाता है, बिना पचे भोजन विष हो जाता है, दरिद्र को गोष्ठी विष और वृद्ध को युवती विष जान पड़ती है ॥ १५ ॥ anabhyāsēviṣaśāstramajīrṇē bhōjanaṁviṣam ॥ daridrasyaviṣaṁgōṣṭhīvr̥ddhasyataruṇīviṣam ॥ 15 ॥ Meaning - Without practice, scriptures become poison, undigested food becomes poison, seminary becomes poison to a poor and a girl becomes poison to an old man. ।। 15 ।।
चाणक्य की प्रसिद्धि :
ये संस्कृत श्लोक आचार्य चाणक्य के द्वारा रचित हैं। उनका नाम कौटिल्य एवं विष्णुगुप्त के नाम से भी प्रसिद्ध है। उनकी रचनाएँ Chanakya सूत्र, chanakya niti, chanakya ni pothi, chanakya quotes, chanakya niti in hindi, chanakya quotes in hindi, चाणक्य, चाणक्य नीति, चाणक्य नीति की 10 बातें, चाणक्य नीति की बातें, चाणक्य के कड़वे वचन, चाणक्य नीति स्त्री, चाणक्य नीति की 100 बातें, चाणक्य विचार इन हिंदी, चाणक्य नीति सुविचार, चाणक्य नीति जीवन जीने की, सुविचार चाणक्य के कड़वे वचन, sanskrit shlok, shlok,sanskrit, sanskrit shlok,sanskrit quotes,shlok in sanskrit, sanskrit thought, sanskrit slokas,संस्कृत श्लोक,श्लोक,छोटे संस्कृत श्लोक, आदि के रूप में चर्चित एवं प्रसिद्ध है ।
चाणक्य का कालातीत प्रभाव :
हजारों वर्षों के उपरांत भी उनमें वही ताजगी और उपयोगिता है। अतः वे आज भी उतने ही प्रासंगिक बने हुए हैं जितने वे तब थे जब वे लिखे गये थे। संस्कृत में रचित होने के कारण उनमें कालांतर के प्रभाव को स्पष्टतः नहीं देखा जाता है क्योंकि संस्कृत भाषा का सर्वश्रेष्ठ व्याकरण उसके अस्तित्व एवं गुणवत्ता के साथ ही उसके प्रभाव कि भी सुरक्षा करता है। ये अत्यंत ज्ञानवर्धक, पठनीय एवं माननीय हैं। ये जीवन के अनेक चौराहों पर हमारा मार्गदर्शन करते हैं जब सब ओर अंधकार छा जाने की प्रतीति होती है।
About Chanakya (चाणक्य के बारे में) :
चाणक्य का प्रभाव प्राचीन भारत से परे तक फैला हुआ है, क्योंकि शासन कला और शासन पर उनके विचारों का दुनिया भर के विद्वानों और नीति निर्माताओं द्वारा अध्ययन और सम्मान किया जाता है। राजनीति के प्रति उनका व्यावहारिक दृष्टिकोण और राज्य और उसके नागरिकों के कल्याण पर उनका जोर उन्हें एक कालातीत व्यक्ति बनाता है जिनकी बुद्धि समय और स्थान की सीमाओं से परे है।
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